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पुलिस एक्ट 2007 की सच्चाई

*जिन पुलिस वालों पर इस धरती का क़ानून लागू करवाने की जिम्मेदारी है, वे अपने हित में भी कानून को लागू नहीं करवा पाते हैं, जनता के हित में क्या कर पाएंगे.*


राजस्थान पुलिस एक्ट 2007 साफ़ कहता है कि पुलिस अधिकारी कर्मचारी का तबादला दो वर्ष पहले नहीं किया जा सकता. अगर करना भी है तो लिखित में कारण दर्शाने होते हैं और वे कारण भी स्पष्ट हैं.


पर गुलामी की महान परंपरा में इस एक्ट की खुलेआम धज्जियाँ उडती हैं और सबसे टॉप के अधिकारी भी अपने आपको नहीं बचा पाते ! 'यस मेडम' और 'यस' सर करके कहते हैं- आपका हुकुम, सिर माथे पर !

कोई माई का लाल हिम्मत नहीं करता कि मेरा तबादला दो साल पहले क्यों. जब टॉप वाले डरे हुए हैं तो सब इंस्पेक्टर क्या संघर्ष करेगा ?


जैसे कभी हमारे राजा-महाराजा मुगलों और अंग्रेजों के आगे नत मस्तक थे तो किसी छोटे ठिकाने का ठाकुर क्या विद्रोह करता !


हे भगवान ! कितने वर्ष और यह गुलामी की महान परम्परा चलने वाली है ? क्या इन 'जय हिन्द' कहने वालों को भी उम्मीद है कि हमारे जैसे कोई लोग इनके लिए भगत सिंह या सुभाषचंद्र बनकर इनका जीवन सरल और सुरक्षित करें ?


मन कर रहा है कि कोर्ट में जाऊं, जनहित याचिका लेकर पर और इनकी गुलामी की बेड़ियाँ खुलवाऊं ! हालांकि यह गुलामी इनको बहुत रास आई हुई है. ये मेरे गले भी पड़ सकते हैं कि हमें 'जीने' दो. मगर *LEGAL AMBIT* टीम जुटी हुई है तबादलों से सम्बंधित DOC. जुटाने में ओर जनहित याचिका लगाकर 8 घण्टे ड्यूटी ओर 2 साल (विशेष परिस्थितियों को छोड़ कर) से पहले तबादला न् होने को लेकर।


अखबार वाले भी बेचारे एक दो दिन लिखकर चुप हो जायेंगे और जिनको जनता ने चुनकर भेजा है, वे तो इनकी गर्दन पर हाथ रखने के लिए ही करोड़ों खर्च करके इधर आये हैं.


*#महावीर_पारीक,*

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