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सुचना अधिकारी ने कानून और संविधान मनने से किया इनकर।

नीचे पोस्ट एडवोकेट सरदार ताराचंद ने लिखा है। चुरू राजस्थान के राजकीय माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक श्री रामप्रताप का कहना है कि वह भारत का संविधान एवं किसी भी विधान को नहीं मानता.


देखिये एक ऐसी लोकनोचक की दबंगई खुत्ते शब्दों में एक नागरिक को बिजली के ट्रांसफार्मर से चिपक कर आत्महत्या करने को उकसा भी रहा है और खुले शब्दों में कह रहा है कि उसपर भारत का संविधान और कोई भी कानून लागू नहीं होता है। खुले शब्दों में कहा रहा है कि यह ना तो किसी किसी कानून को मानता है और ना ही अपने किसी भी अधिकारी के किसी भी आदेश को मानेगा को मानेगा। सम्पूर्ण वार्तालाप को सुनिए और देखिये कि लोकसेवक किस कदर मगरूर और बेखौफ है कि उनको देश के संविधान तक की कोई फिक्र नहीं लेकिन... जनाब यह भूक गए कि जो संविधान और देश के विधान में आस्था नहीं रखता और खुलेआम इसकी संस्वीकृति करता हो वह राष्ट्रद्रोह करता है।


चूंकि लिस अधिकारी ने इस बाबत इन महाराय को आदेश देकर जवाब देने को कहा था उन जनाब श्री बजरंगलाल सैनी जी को लिखित में शिकायत/परिवाद देकर इन जनाब के विरुद्ध कार्यवाही संस्थित करने को लिखा गया है... देखते हैं कि इनके वरिष्ठ अधिकारी भी कानून पाते है.


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