कंज्यूमर कोर्ट के चक्कर काटे बिना, ग्राहकों को मिलेगा उनका हक; ऑनलाइन सुनवाई शुरू
क्या है कन्ज्यूमर कोर्ट?
दरअसल जब हम किसी सामान की खरीददारी करते हैं तो कई बार धोखाधड़ी के शिकार भी होते हैं. लेकिन अक्सर हम इस पर कुछ एक्शन नहीं लेते. लेकिन ऐसे मामलों की शिकायत के लिए भी एक मंच बना है, जिसे कन्ज्यूमर कोर्ट कहा जाता है.
सीसीपीए, जिसका गठन जुलाई 2020 में किया गया था, सभी 35 राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोगों (एससीडीआरसी) और राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (एनसीडीआरसी) की 10 पीठों में ई-कोर्ट सेवाएं शुरू करने की तैयारी कर रहा है.
उपभोक्ताओं को अब उपभोक्ता अदालतों (कंज्यूमर कोर्ट) के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे. उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने सभी कंज्यूमर कोर्ट को 15 अप्रैल से मामलों की ऑनलाइन सुनवाई शुरू करने का निर्देश दिया है. राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (एनसीडीआरसी) ने इन सुनवाई के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की है.
एनसीडीआरसी केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) का शीर्ष अपीलीय निकाय है, जो मंत्रालय को रिपोर्ट करता है. सरकार के इस फैसले से उपभोक्ताओं के लिए अपनी शिकायतों का समाधान करना आसान हो जाएगा और उनका समय और पैसा बचेगा.
ई-कोर्ट शुरू करने की तैयारी
भारतवर्ष ने फरवरी में इस संबंध में बताया कि सीसीपीए, जिसका गठन जुलाई 2020 में किया गया था, सभी 35 राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोगों (एससीडीआरसी) और राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (एनसीडीआरसी) की 10 पीठों में ई-कोर्ट सेवाएं शुरू करने की तैयारी कर रहा है.
मुकदमे की पैरवी
इस कोर्ट में आप एक उपभोक्ताओं होने के नाते अगर किसी प्रोडक्ट की कीमत या उसकी गुणवत्ता को लेकर दिक्कत दिखती है तो आप यहां शिकायत कर सकते हैं. इसके अलावा झूठे विज्ञापन या खरीदे गए प्रोडक्ट के पैकेट पर लिखी जानकारी में गड़बड़ी आदि इस तरह के किसी भी मामले में आप कन्ज्यूमर कोर्ट जा सकते हैं. उपभोक्ता फोरम में वकील की जरूरत नहीं होती. वादी खुद ही अपने मुकदमे की पैरवी करता है.
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