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आरटीआई की दूसरी (2nd)अपील

Writer: legalambit holegalambit ho

#आरटीआई_की_दूसरी_अपील

आरटीआई अधिनियम सभी नागरिकों को लोक प्राधिकरण द्वारा धारित सूचना की अभिगम्‍यता का अधिकार प्रदान करता है। यदि आपको किसी सूचना की अभिगम्‍यता प्रदान करने से मना किया गया हो तो आप केन्‍द्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) के समक्ष अपील / शिकायत दायर कर सकते हैं।

एक अपील कब दर्ज करें

19 (1) कोई व्‍यक्ति, जिसे उप धारा (1) में अथवा धारा 7 की उप धारा (3) के खण्‍ड (क) के तहत निर्दिष्‍ट समय के अंदर निर्णय प्राप्‍त नहीं होता है अथवा वह केन्‍द्रीय लोक सूचना अधिकारी या राज्‍य लोक सूचना अधिकारी के निर्णय से पीडि़त हैं, जैसा भी मामला हो वह उक्‍त अवधि समाप्‍त होने के 30 दिनों के अंदर अथवा यह निर्णय प्राप्‍त होने के 30 दिनों के अंदर उस अधिकारी के पास एक अपील दर्ज करा सकता है जो प्रत्‍येक लोक प्राधिकरण में केन्‍द्रीय लोक सूचना अधिकारी या राज्‍य लोक सूचना अधिकारी से वरिष्‍ठ स्‍तर का है, जैसा भी मामला हो :

बशर्ते कि उक्‍त अधिकारी द्वारा 30 दिन की अवधि समाप्‍त होने के बाद अपील स्‍वीकार कर लेता है, यदि वह इसके प्रति संतुष्‍ट है कि अपीलकर्ता को समय पर अपील करने से रोकने का पर्याप्‍त कारण है।

19 (2) जब एक अपील केन्‍द्रीय लोक सूचना अधिकारी या राज्‍य लोक सूचना अधिकारी, जैसा भी मामला हो, द्वारा धारा 11 के तहत तीसरे पक्ष की सूचना का प्रकटन किया जाता है तब संबंधित तीसरा पक्ष आदेश की तिथि के 30 दिनों के अंदर अपील कर सकता है।

19 (3) उप धारा 1 के तहत निर्णय के विरुद्ध एक दूसरी अपील तिथि के 90 दिनों के अंदर की जाएगी जब निर्णय किया गया है अथवा इसे केन्‍द्रीय सूचना आयोग या राज्‍य सूचना आयोग में वास्‍तविक रूप से प्राप्‍त किया गया है:

बशर्ते कि केन्‍द्रीय सूचना आयोग या राज्‍य सूचना आयोग, जैसा भी मामला हो 90 दिन की अवधि समाप्‍त होने के बाद अपनी दायर कर सकता है, यदि उसे यह संतुष्टि है कि अपीलकर्ता को समय पर अपील न कर पाने के लिए पर्याप्‍त कारण हैं।

19 (4) यदि केन्‍द्रीय लोक सूचना अधिकारी या राज्‍य लोक सूचना अधिकारी का निर्णय, जैसा कि मामला हो, दिया जाता है और इसके विरुद्ध तीसरे पक्ष की सूचना से संबंधित एक अपील की जाती है। तो केन्‍द्रीय सूचना आयोग या राज्‍य सूचना आयोग, जैसा भी मामला हो, उस तीसरे पक्ष को सुनने का एक पर्याप्‍त अवसर देंगे।

19 (7) केन्‍द्रीय सूचना आयोग या राज्‍य सूचना आयोग का निर्णय, जैसा भी मामला हो, मानने के लिए बाध्‍य होगा।

19 (8) अपने निर्णय में केन्‍द्रीय सूचना आयोग या राज्‍य सूचना आयोग, जैसा भी मामला हो, को निम्‍नलिखित का अधिकार होगा।

क) लोक प्राधिकरण द्वारा ये कदम उठाए जाएं जो इस अधिनियम के प्रावधानों के साथ पालन को सुनिश्चित करें, जिसमें शामिल हैं

सूचना तक पहुंच प्रदान करने के द्वारा, एक विशेष रूप में, यदि ऐसा अनुरोध किया गया है;

केन्‍द्रीय लोक सूचना अधिकारी या राज्‍य लोक सूचना अधिकारी की नियुक्ति द्वारा, जैसा भी मामला हो;

सूचना की कुछ श्रेणियां या कुछ विशिष्‍ट सूचना के प्रकाशन द्वारा;

अभिलेखों के रखरखाव, प्रबंधन और विनाश के संदर्भ में प्रथाओं में अनिवार्य बदलावों द्वारा

अपने अधिकारियों को सूचना के अधिकार पर प्रशिक्षण के प्रावधान बढ़ाकर;

धारा 4 की उप धारा (1) के खण्‍ड (ख) का पालन करते हुए वार्षिक प्रतिवेदन प्रदान करना;

ख) लोक प्राधिकरण द्वारा किसी क्षति या अन्‍य उठाई गई हानि के लिए शिकायतकर्ता को मुआवज़ा देना;

ग) इस अधिनियम के तहत प्रदान की गई शास्तियों को अधिरोपित करना;

घ) आवेदन अस्‍वीकार करना।

19 (9) केन्‍द्रीय सूचना आयोग या राज्‍य सूचना आयोग, जैसा भी मामला हो अपील के अधिकार सहित अपने निर्णय की सूचना शिकायतकर्ता और लोक प्राधिकरण को देगा।

19 (10) केन्‍द्रीय सूचना आयोग या राज्‍य सूचना आयोग, जैसा भी मामला हो उक्‍त प्रक्रिया में निर्धारित विधि द्वारा अपील का निर्णय देगा।

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